लक्ष्य निर्धारित करें
अमीर बनना है तो लक्ष्य निर्धारित करें। आज जो अमीर है उन्होंने अमीर बनने का लक्ष्य निर्धारित किया था तभी वे अमीर बन पाए। बिना लक्ष्य निर्धारित किए अमीर नहीं बना जा सकता हैं। अमीर बनने के लक्ष्य को अपने जीवन में उतार लें ताकि आपकी आंखों के सामने दिमाग में उठते बैठते, सोते-जागते सिर्फ और सिर्फ ‘अमीर’ बनने का लक्ष्य ही दिखायी दें। अपने लक्ष्य पर अडिग रहे। देखिए एक दिन आप जरूर अमीर बन जाएंगे।
प्रख्यात साहित्यकार राजेन्द्र यादव कहते हैं, प्रथम श्रेणी में एम.ए. पास करने के बाद मुझे काॅलेज में पढ़ाने का प्रस्ताव मिला। मैंने इंकार कर दिया। क्योंकि उन्होंने पहले ही लेखक बनने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। आप भी अपने लक्ष्य से भटके नहीं। इस मामले में अंदर किसी प्रकार का द्वंद होगा तो आपका प्रयास बाधित होगा। द्वंद का मतलब है कि आपने अपना लक्ष्य अभी पूरी तरह से तय नहीं किया है। लक्ष्य तय नहीं होगा तो आप उस तक पहुंचेगे कैसे? आप अपने लक्ष्य के प्रति सचेत नहीं रहेंगे तो भटक जायेंगे।
सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करें। जब तक आपका लक्ष्य तय नहीं होगा तब तक आपको सफलता नहीं मिलेगी। लक्ष्य पर नज़र टिकाए रखें। इस बारे में मुझे एक बात याद आ रही है - एक दिन गुरू द्रोणाचार्य अपने शिष्यों को धनुविद्या सिखा रहे थे। उनमें अर्जुन भी थे। गुरू द्रोणाचार्य ने सभी शिष्यों से एक पेड़ पर बैठी चिड़िया के आंख में निशाना लगाने के लिए कहां। सब तैयार हो गए। निशाना लगाने के पहले गुरू ने शिष्यों से पूछा, तुम्हें पेड़ पर क्या दिखाई दे रहा है। अर्जुन को छोड़ कर सभी का जवाब था, पेड़ पर चिड़िया दिखाई दे रही है। लेकिन जब अर्जुन से पूछा गया तो वह बोला, मुझे चिड़िया की आंख दिखाई दे रही हैं। कहने का मतलब यह है कि अर्जुन की तरह लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। लक्ष्य ऐसा हो चिड़िया नहीं सिर्फ चिड़िया की आंख दिखाई दें।
सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करें। जब तक आपका लक्ष्य तय नहीं होगा तब तक आपको सफलता नहीं मिलेगी। लक्ष्य पर नज़र टिकाए रखें। इस बारे में मुझे एक बात याद आ रही है - एक दिन गुरू द्रोणाचार्य अपने शिष्यों को धनुविद्या सिखा रहे थे। उनमें अर्जुन भी थे। गुरू द्रोणाचार्य ने सभी शिष्यों से एक पेड़ पर बैठी चिड़िया के आंख में निशाना लगाने के लिए कहां। सब तैयार हो गए। निशाना लगाने के पहले गुरू ने शिष्यों से पूछा, तुम्हें पेड़ पर क्या दिखाई दे रहा है। अर्जुन को छोड़ कर सभी का जवाब था, पेड़ पर चिड़िया दिखाई दे रही है। लेकिन जब अर्जुन से पूछा गया तो वह बोला, मुझे चिड़िया की आंख दिखाई दे रही हैं। कहने का मतलब यह है कि अर्जुन की तरह लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। लक्ष्य ऐसा हो चिड़िया नहीं सिर्फ चिड़िया की आंख दिखाई दें।
अमीर बनने का लक्ष्य जब निर्धारित करें। उस वक्त ध्यान दें, ‘अमीर बनना है’ यह लक्ष्य निर्धारित न करें, बल्कि इसके लिए एक निश्चित रकम सोच लें और उसे हासिल करने का लक्ष्य बनाएं। निश्चित रकम लाख, दो लाख, पांच लाख, दस लाख, करोड़, एक अरब, दो अरब, खरब..... कुछ भी हो सकता है। रकम निर्धारित किए बिना लक्ष्य न बनाएं। जब आप एक निश्चित रकम निर्धारित करेंगे तब ही आप इसे पाने के लक्ष्य पर डटें रहेंगे। अमीर बनना है सिर्फ यह लक्ष्य सही लक्ष्य नहीं है। रकम निश्चित कर लेना ही सही लक्ष्य है। इस पर डटे रहें एक न एक दिन आप जरूर अमीर बन जाएंगे।
पाॅवर टिप्स -
एक बार लक्ष्य निर्धारित कर लेने पर आपको भागने और भटकने की जरूरत नहीं होगी। जरूरत होगी सिर्फ उस पर मेहनत करने कीे।
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