हलो फ्रेंड्स
सक्सेस मंत्रा में आपका स्वागत है. यदि आप सोचते है कि रातोंरात सफलता मिल जाएंगी और आप सारी दुनिया में छा जाएंगे तो इस भ्रम में न रहें क्योंकि सफलता रातोरात नहीं मिलती है. इसके लिए वर्षो का प्रयास, कठोर मेहनत और रणनीति जरूरी है. इस बार सक्सेस स्टोरी में डाॅ. ए. वेलुमनि की सफलता की स्टोरी बता रही हूं.
डाॅ. ए. वेलुमनि: थायरोकेयर टेक्नोलाॅजिस लिमिटेड के संस्थापक हंै। उन्होंने कम खर्च वाले डायग्नोस्टिक सेंटर की शुरूआत की। उनका कामयाबी का मंत्र है, परिस्थितियों से समझौता न करें। उनसे डटकर मुकाबला करें। फिर देखें जीत आपकी ही होगी।
डाॅ. ए. वेलुमनि एक भूमिहीन किसान के बेटे हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोयंबटूर से की। तमिलनाडु के कोयंबटूर के नजदीक स्थित गांव अप्पीकेनपट्टी में गे्रजुएट होने वाले सबसे पहले छात्र है।
गरीबी व आर्थिक तंगी के कारण वे पढ़ाई के साथ-साथ छोटे-मोटे काम भी किया करते थे। पढ़ाई में अच्छे होने के कारण उन्हें स्काॅलरशिप मिलता था। स्नातक की डिग्री लेने के बाद चार साल तक काम की तलाश में इधर-उधर भटकते रहे लेकिन उन्हें कहीं काम नहीं मिला।
आखिर में हताश होकर वे काम की तलाश में मुंबई आ गए। मुंबई में भाभा एटाॅमिक रिसर्च सेंटर में उन्हें काम मिल गया। यहां काम के दौरान ही उन्होंने टाटा मेमोरियल हाॅस्पिटल से थायराइड केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी की।
डाॅ. ए. वेलुमनि कहते हंै कि टाटा मेमोरियल हाॅस्पिटल जाते हुए मैं अक्सर मरीजों को अस्पताल के बाहर प्रतीक्षा करते हुए देखता था। उन्हें घंटों यूं ही बैठे देखकर मैं सोचा करता कि भविष्य में मैं इनके लिए कुछ न कुछ जरूर करूंगा।
इसी विचार के साथ एक दिन भाभा एटाॅमिक रिसर्च सेंटर की नौकरी छोड़ दी। उन्होंने अपने प्राॅविडेंट फंड के एक लाख रूपये लेकर मेडिकल डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में उतरने का निश्चय किया।
वे स्वयं डाक्टर तो थे नहीं, लेकिन कम खर्च में मेडिकल डायग्नोस्टिक सेंटर खोलना चाहते थे। उन्होंने थायरोकेयर की शुरूआत की जहां कम खर्च में थायराइड का टेस्ट किया जा सकता था।
मुंबई के विलेपार्ले में एक छोटी-सी लेबोरेटरी से शुरू हुआ थायरोकेयर वर्तमान में 570 फ्रेंचाइजियों, 10,000 सर्विस सेंटर्स और 25000 सैंपल संग्रह केंद्रों के एक विशाल समूह में बदल गया हैं। जहां प्रतिदिन लगभग एक लाख टेस्ट किए जाते हैं।
थायरोकेयर अब न्यूक्लियर स्कैनिंग के क्षेत्र में उतरने की तैयारी में है। डाॅ. ए. वेलुमनि भविष्य में थायरोकेयर को मेडिकल डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में देश की नंबर वन कंपनी बनाना चाहते हंै।
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